कंप्यूटर की पीढ़ियाँ

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ: गणना यंत्रों से AI तक | YourBlogName
लेख संक्षेप: इस लेख में हम कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियों के विकास को विस्तार से जानेंगे - पहली पीढ़ी के विशालकाय वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर्स से लेकर पाँचवीं पीढ़ी के AI युक्त कंप्यूटर्स तक। जानेंगे प्रत्येक पीढ़ी की विशेषताएँ, प्रमुख कंप्यूटर्स और तकनीकी क्रांतियों के बारे में।

प्रस्तावना: कंप्यूटर पीढ़ियाँ क्या हैं?

कंप्यूटर के विकास को समझने के लिए इसे पाँच पीढ़ियों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक पीढ़ी में कंप्यूटर के आकार, क्षमता, गति और प्रयोजन में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। यह वर्गीकरण मुख्यतः कंप्यूटर में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी के आधार पर किया गया है।

कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियों का चित्र

पहली पीढ़ी (1940-1956): वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर

1945

ENIAC - पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर

ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) को पहली पीढ़ी का प्रमुख कंप्यूटर माना जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ:

  • 17,468 वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग
  • 27 टन वजन और 1800 वर्ग फीट में फैला
  • प्रति सेकंड 5000 जोड़ संक्रियाएँ करने की क्षमता
  • युद्ध के समय तोपों के प्रक्षेप पथ की गणना के लिए बनाया गया
रोचक तथ्य: ENIAC को प्रोग्राम करने के लिए फिजिकल वायरिंग और स्विच बदलने पड़ते थे! एक साधारण प्रोग्राम में भी कई दिन लग जाते थे।
1951

UNIVAC I - पहला वाणिज्यिक कंप्यूटर

UNIVAC (Universal Automatic Computer) पहला वाणिज्यिक कंप्यूटर था जिसे सामान्य व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाया गया।

  • अमेरिकी जनगणना में उपयोग
  • $1 मिलियन की लागत (आज के ~$10 मिलियन)
  • मर्करी डिले लाइन मेमोरी तकनीक

पहली पीढ़ी की प्रमुख विशेषताएँ

प्रौद्योगिकी लाभ सीमाएँ
वैक्यूम ट्यूब इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को नियंत्रित करने की क्षमता अधिक गर्मी उत्पन्न करना, अधिक बिजली खपत
मशीनी भाषा हार्डवेयर के निकटतम प्रोग्रामिंग प्रोग्रामिंग अत्यंत कठिन और समयसाध्य
मैग्नेटिक ड्रम मेमोरी डेटा संग्रहण की प्रारंभिक विधि अत्यंत धीमी गति

दूसरी पीढ़ी (1956-1963): ट्रांजिस्टर कंप्यूटर

ट्रांजिस्टर के आविष्कार ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में क्रांति ला दी। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर्स की प्रमुख विशेषताएँ:

1956

ट्रांजिस्टर क्रांति

वैक्यूम ट्यूब की तुलना में ट्रांजिस्टर:

  • 100 गुना छोटे
  • 10 गुना कम बिजली खपत
  • अधिक विश्वसनीय और टिकाऊ
  • कम गर्मी उत्पन्न करते थे
FORTRAN COBOL असेंबली

इस युग में पहली उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास हुआ

1959

IBM 1401 - व्यावसायिक सफलता

IBM 1401 दूसरी पीढ़ी का सबसे सफल कंप्यूटर था:

  • 12,000 इकाइयाँ बिकीं
  • मैग्नेटिक कोर मेमोरी का उपयोग
  • कार्ड रीडर और प्रिंटर से युक्त

तीसरी पीढ़ी (1964-1971): इंटीग्रेटेड सर्किट कंप्यूटर

इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) के आविष्कार ने कंप्यूटर को और छोटा, तेज और सस्ता बना दिया।

प्रमुख विकास

  • ऑपरेटिंग सिस्टम: पहली बार ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास
  • मल्टीप्रोग्रामिंग: एक साथ कई प्रोग्राम चलाने की क्षमता
  • टाइम-शेयरिंग: कई उपयोगकर्ता एक साथ कंप्यूटर उपयोग कर सकते थे
  • इनपुट/आउटपुट डिवाइसेज: कीबोर्ड और मॉनिटर का प्रयोग शुरू
इंटीग्रेटेड सर्किट कंप्यूटर का चित्र

चौथी पीढ़ी (1971-वर्तमान): माइक्रोप्रोसेसर युग

1971

इंटेल 4004 - पहला माइक्रोप्रोसेसर

इंटेल ने पहला माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया जिसमें एक चिप पर पूरा CPU समाहित था:

  • 2300 ट्रांजिस्टर
  • 740 kHz क्लॉक स्पीड
  • 4-बिट डेटा पाथ
1981

IBM PC - पर्सनल कंप्यूटर क्रांति

IBM ने पहला पर्सनल कंप्यूटर लॉन्च किया जिसने कंप्यूटिंग को घर-घर पहुँचाया:

  • इंटेल 8088 प्रोसेसर
  • 16 KB RAM (64 KB तक बढ़ाया जा सकता था)
  • MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम
  • $1,565 की शुरुआती कीमत

पाँचवीं पीढ़ी (वर्तमान और भविष्य): AI और क्वांटम युग

पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर्स में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग हो रहा है।

प्रमुख विशेषताएँ

  • AI इंटीग्रेशन: मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग
  • क्वांटम कंप्यूटिंग: पारंपरिक कंप्यूटर्स से लाखों गुना तेज
  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग: मानव भाषा को समझने की क्षमता
  • पैरेलल प्रोसेसिंग: एक साथ अनेक कार्य करने की क्षमता
भविष्य की ओर: छठी पीढ़ी में हम न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग (मानव मस्तिष्क जैसी संरचना) और बायो-कंप्यूटिंग (जैविक तत्वों वाले कंप्यूटर्स) देख सकते हैं।

कंप्यूटर पीढ़ियों का तुलनात्मक विश्लेषण

पीढ़ी प्रौद्योगिकी आकार गति प्रोग्रामिंग
पहली वैक्यूम ट्यूब कमरे जितना धीमी मशीनी भाषा
दूसरी ट्रांजिस्टर डेस्क जितना तेज असेंबली भाषा
तीसरी इंटीग्रेटेड सर्किट मिनी अधिक तेज उच्च-स्तरीय भाषाएँ
चौथी माइक्रोप्रोसेसर हाथ में बहुत तेज ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड
पाँचवीं AI/क्वांटम अदृश्य अतितीव्र स्व-शिक्षण

भारत में कंप्यूटर का विकास

भारत में कंप्यूटर तकनीक का विकास:

  • 1956: आईआईटी कानपुर में पहला कंप्यूटर (IBM 1620)
  • 1978: पहला भारतीय सुपरकंप्यूटर "परम" का विकास
  • 1980s: भारत में पीसी क्रांति की शुरुआत
  • 1990s: सॉफ्टवेयर उद्योग का तेजी से विकास
  • 2020s: AI और क्लाउड कंप्यूटिंग में अग्रणी भूमिका

निष्कर्ष: कंप्यूटर का भविष्य

कंप्यूटर तकनीक का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है। हम निम्नलिखित विकास देख सकते हैं:

  • क्वांटम सुपीरियरिटी: कुछ कार्यों में पारंपरिक कंप्यूटर्स को पूरी तरह पछाड़ देना
  • AI इंटीग्रेशन: सभी उपकरणों में बुद्धिमत्ता का समावेश
  • ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस: मस्तिष्क और कंप्यूटर का सीधा संपर्क
  • ग्रीन कंप्यूटिंग: ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण अनुकूल तकनीकें

एग्जाम में पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न: कंप्यूटर की पाँचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषता क्या है?

उत्तर: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग और स्व-शिक्षण क्षमता

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